सीकर : शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने विद्यालयों मे तनाव मुक्त शिक्षा पर जोर देते हुए स्कूलों को सीखने के आनंद का केंद्र बनने का आह्वान किया है। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी, सीकर मे आयोजित मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलक्षेम संबंधित राज्य स्तरीय विमर्श बैठक के उद्घाटन सत्र को मुख्यअथिति के रूप मे संबोधित कर रहे थे।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने वीडिओ कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपना सम्बोधन देते हुए कहा कि शिक्षा को तनाव मुक्त बनाने के लिए हमें ग्रेड्स और अंको की दौड़ से बाहर निकलकर "सीखने के आनंद" पर ध्यान देना होगा।
मनोदर्पण पहल भारत सरकार की इसी दिशा मे एक बड़ा कदम है, जो छात्रों को उनके कठिन समय मे संबल प्रदान करती है। शिक्षा केवल पाठ्यक्रम पूरा करने वाला माध्यम नहीं, बल्कि वह छात्र के मानसिक स्वास्थ्य का प्रथम सजग प्रहरी है।
मंत्री दिलावर ने कहा कि शिक्षकों को छात्रों के व्यवहार मे आने वाले शुक्ष्म बदलावो को पहचानना होगा! यदि कोई छात्र अचानक चुप रहने लगे या उसके व्यवहार मे चिड़चिड़ापन आये, तो उसे डांटने के बजाय सहानुभूति के साथ सुनने की अवश्यकता है! एक मानसिक रूप से स्वस्थ शिक्षक ही एक स्वस्थ कक्षा का निर्माण कर सकता है। इसलिए शिक्षकों को भी अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। हम सब मिलकर ऐसा शैक्षिक वातावरण तैयार करें जहाँ हमारे बच्चे न केवल अच्छे डॉक्टर या इंजीनियर बने, बल्कि एक स्वस्थ और संस्कारवान व्यक्तित्व वाले इंसान भी बने।
शिक्षा मंत्री कहा कि एक समृद्धि राष्ट्र का निर्माण तभी संभव है जब उसके नागरिक मानसिक रूप से सशक्त और खुशहाल हो! उन्होंने आशा व्यक्त कि की प्रदेश मे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य एवं कुशलक्षेम की दिशा मे यह बैठक महत्वपूर्ण साबित होंगी।
बैठक मे एन सी ई आर टी, दिल्ली के निदेशक प्रोफ़ेसर दिनेश प्रसाद सकलानी, मनोदर्पण प्रकोष्ठ, एन सी ई आर टी दिल्ली के प्रोफ़ेसर विनोद कुमार सानवाल, शिक्षा विभाग राजस्थान के निदेशक सीताराम जाट, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय बीकानेर के समन्वयक डी पी सिंह उपस्थित थे!
सीकर मे आयोजित हो रही इस दो दिवसीय बैठक मे कुल 210 प्रतिभागी भाग ले रहे है! जिनमे से 50% शिक्षक माध्यमिक,उच्च माध्यमिक के! 25% स्कूल कॉउंसलर, विशेष शिक्षक तथा 25% शैक्षिक प्रशासकीय अधिकारी शामिल है ।
कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों वह हित धारकों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना! प्रतिभागियों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान वह अंत: क्षेप के लिए आवश्यक कौशलों से परिचित कराना! प्रतिभागियों को मनोदर्पण टेली- हेल्पलाइन व टेली - मानस जैसी राष्ट्रीय पहलो से परिचित करना तथा श्रेष्ठ प्रार्थओ का आदान-प्रदान बढ़ाना व मास्टर ट्रेन तैयार करना है।