फ़िल्म फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा Keeper of the Last Herd को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना जाना राजस्थान सहित देश के स्वतंत्र डॉक्यूमेंट्री सिनेमा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। निर्मल वर्मा ग्रीन हब के पूर्व छात्र हैं और अपनी जड़ों से जुड़ी संवेदनशील तथा जमीनी कहानियों को पर्दे पर उतारने के लिए पहचाने जाते हैं।
निर्मल वर्मा Green Pugmark Productions के संस्थापक हैं और भारत के वन्य तथा ग्रामीण परिदृश्यों से जुड़ी आवाज़ों को मुख्यधारा तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उनकी फ़िल्में स्थानीय समुदायों, संरक्षण से जुड़े अधिकारियों और दर्शकों के बीच सेतु का काम करती हैं। इनमें न केवल संकटग्रस्त प्रजातियों की कहानी सामने आती है, बल्कि उन लोगों की भूमिका भी उजागर होती है, जो इनके संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत हैं।
यह सम्मान न सिर्फ़ निर्मल वर्मा के रचनात्मक कार्य की राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता है, बल्कि जमीनी स्तर पर हो रहे संरक्षण प्रयासों और समुदाय आधारित कहानियों को भी व्यापक मंच प्रदान करता है।
