जयपुर:कोटपूतली पुलिस ने अपराधियों के विरुद्ध अब तक की सबसे प्रभावी कार्यवाहियों में से एक को अंजाम दिया है। महज 4 घण्टे के भीतर पुलिस ने न केवल 10 करोड़ रुपये की फिरौती के लिए अपहृत किए गए प्रॉपर्टी कारोबारी को सुरक्षित मुक्त कराया, बल्कि सनसनीखेज हनीट्रैप की साजिश रचने वाले चार इनामी बदमाशों को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।
दिनदहाड़े मंदिर के बाहर से किडनैपिंग
एसपी कोटपूतली बहरोड़ देवेन्द्र कुमार विश्नोई ने बताया कि घटना 12 दिसंबर 2025 की सुबह की है। आदर्श नगर निवासी 65 वर्षीय प्रॉपर्टी कारोबारी कैलाश विजयवर्गीय जब डाबला रोड स्थित शिव मंदिर में पूजा कर बाहर निकले, तभी सफेद रंग की शिफ्ट कार में सवार बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया। बदमाश उन्हें हथियार की नोक पर सुनसान रास्तों से होते हुए सुंदरपुरा के पास एक खंडहर (तिबारा) में ले गए। इस वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।
हनीट्रैप और अश्लील वीडियो: 10 करोड़ की डिमांड
बदमाशों ने कारोबारी को फंसाने के लिए पहले से ही जाल बिछा रखा था। इन्होंने एक महिला साथी को पहले से ही उस खंडहर में बुला रखा था। वहां कारोबारी के साथ मारपीट की गई, हवाई फायर कर उन्हें डराया गया और फिर जबरन महिला के साथ उनके अश्लील वीडियो बना लिए गए। इन वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर बदमाशों ने 10 करोड़ रुपये की मोटी फिरौती मांगी और 10 दिन का समय दिया।
पुलिस की घेराबंदी से टूटे बदमाशों के हौसले
जैसे ही पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार बिश्नोई को सूचना मिली, उन्होंने तुरंत विशेष टीमों का गठन किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नाजिम अली और वृत्ताधिकारी राजेन्द्र कुमार बुरडक के सुपरविजन में पुलिस ने पूरे जिले की घेराबंदी कर दी। पुलिस की मौजूदगी और तकनीकी सर्विलांस के बढ़ते दबाव को देख आरोपी घबरा गए। पकड़े जाने के डर से बदमाशों ने कारोबारी को बोपिया स्टैंड के पास छोड़ दिया और फरार हो गए।
10-10 हजार के इनामी बदमाश दबोचे गए
पुलिस ने केवल कारोबारी को बचाने पर ही दम नहीं लिया, बल्कि मुखबिरों और तकनीकी सहायता से आरोपियों का पीछा जारी रखा। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने विकास उर्फ विक्का गुर्जर (25) निवासी कोटपुतली, संदीप उर्फ धोलाराम गुर्जर (25) निवासी कोटपुतली, कृष्ण गुर्जर (23) निवासी प्रागपुरा और शेरसिंह राजपूत (23) निवासी सरुण्ड को अलग-अलग ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया। इन चारों आरोपियों पर पुलिस ने पहले से ही 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
इस सफल ऑपरेशन का नेतृत्व थानाधिकारी राजेश शर्मा ने किया। हालांकि, पूरी टीम ने सराहनीय कार्य किया, लेकिन विशेष रूप से हैड कांस्टेबल धर्मपाल और कांस्टेबल जितेन्द्र की सूचना संकलन और आरोपियों की सटीक पहचान करने में मुख्य भूमिका रही। फिलहाल पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि इस गिरोह के अन्य नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
