जयपुर: प्रसिद्ध व्यंग्यकार, पत्रकार और साहित्यकार डॉ.यश गोयल का आज शाम बीमारी के बाद निधन हो गया। वे रक्त कैंसर से पीड़ित थे। उन्होंने 1978 में जोधपुर में पत्रकारिता शुरू की। वे लम्बे समय तक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया से जुड़े रहे जयपुर, दिल्ली और लखनऊ मेन रहकर उन्होने पत्रकारिता की। उन्होने अमेरिका में रहकर उन्होने विज्ञान अनुसंधान का कार्य किया और पत्रकारिता में भी महतावपूर्ण कार्य किया। बतौर लेखक उन्हें अपनी व्यंग्य रचनाओं के लिए जाना जाता है। उन्हें विविध विधाओं के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी के कन्हैयालाल सहल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार उनकी व्यंग्य कृति "नामुमकिन नेता" के लिए दिया गया था। वे कई व्यंग्य संग्रह और कहानी संग्रह लिख चुके हैं, जिनमें "गुण सुत्र", "मंत्री का चश्मा", "कुर्सी का देवदास" (व्यंग्य) और "उतरा हुआ कोट", "कागज़ के हाथ" (कहानी) शामिल हैं। वे अपने पीछे धर्मपत्नी और दो पुत्र छोड़ गए हैं। उनकी शव यात्रा शुक्रवार प्रातः 10 बजे उनके निवास जादौन नगर से मोक्ष धाम पहुंचेगी।