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कांग्रेस में मेवाराम की वापसी से बाड़मेर की सियासत गरमाई


नई दिल्ली/जयपुर/बाड़मेर। कांग्रेस ने बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन समेत पांच नेताओं को पार्टी में पुनः शामिल कर लिया है। दिल्ली से आए इस फैसले ने जिले की राजनीति में भूचाल खड़ा कर दिया है।
जैन की वापसी का विरोध सबसे ज्यादा तीखा है। बाड़मेर के वरिष्ठ नेता हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी ने इस निर्णय पर खुलकर नाराजगी जताई है। उनके धड़े के अन्य नेताओं ने भी पार्टी आलाकमान को साफ संदेश दिया है कि पूर्व विधायक की घर वापसी स्वीकार्य नहीं है। वहीं, दूसरी ओर आमीन खां और मदन प्रजापत जैसे नेताओं ने जैन की वापसी का स्वागत करते हुए इसे संगठन के लिए संतुलनकारी कदम बताया है।
पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में मेवाराम जैन के साथ-साथ संदीप शर्मा, बलराम यादव, बालेंद्र सिंह शेखावत, तेजपाल मिर्धा और अरविंद डामोर को निष्कासित कर दिया था। अब इन सभी को अलग-अलग आदेशों के तहत फिर से सदस्यता दे दी गई है। हालांकि, जैन के अलावा किसी अन्य नेता की वापसी को लेकर कोई विवाद नहीं उभरा।
मेवाराम जैन लंबे समय से एक सीडी कांड को लेकर विवादों में घिरे रहे हैं। यही वजह है कि उनकी घर वापसी पर सबसे अधिक सियासी हलचल मची है। कांग्रेस आलाकमान का मानना है कि यह कदम जिले में संतुलन की राजनीति बनाए रखने के लिए जरूरी था।
जानकार मानते हैं कि जैन की वापसी के बाद बाड़मेर की राजनीति में नए समीकरण बनेंगे और आने वाले समय में इसका असर विधानसभा की रणनीति पर साफ दिखाई देगा।