ऐसे होंगे आयोजन
रविवार सुबह 11:15 बजे 151 किलो दूध से दुग्धाभिषेक और शाम 5:15 बजे पोशाक आरती
सोमवार को 1008 लड्डू और मोदक अर्पित किए जाएंगे.
मंगलवार को 56 भोग की झांकी, शाम को मेहंदी लगाकर सिंजारा मनाया जाएगा.
बुधवार दोपहर 12:05 बजे महाआरती और शाम 5 बजे भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी.
रात्रि 12:15 बजे भजनों की अमृत गंगा बहेगी, जिसमें शेखावाटी के संत और भजन गायक शामिल होंगे.
चमत्कारिक मूर्ति, पानी में भी नहीं पिघलती
मंदिर में स्थापित गणेशजी की मूर्ति मिट्टी से बनी है, लेकिन पानी या दूध में डूबने पर भी कभी पिघलती नहीं.कहा जाता है कि बरसात में मंदिर डूब जाता था, फिर भी मूर्ति जस की तस रहती थी.
सिद्धपीठ का इतिहास
334 साल पहले राव राजा देवी सिंह ने युद्ध में विजय पाने के लिए गणेशजी की इस मूर्ति को कासली से लाकर सीकर में स्थापित किया था.मान्यता है कि दक्षिणमुखी यह मूर्ति संकट हरने और शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली है.
श्रद्धालुओं का खास लगाव
हर बुधवार हजारों भक्त यहां धोक लगाते हैं. शादी-विवाह और अन्य शुभ कार्यों का पहला निमंत्रण भी गणेशजी को दिया जाता है. संयोग से इस बार गणेश चतुर्थी भी बुधवार को ही मनाई जाएगी.