यह बयान उन अटकलों को और मज़बूती देता है, कि सांसद तिवाड़ी अपने लाडले को जन्म और कर्मस्थली सीकर में राजनीतिक रूप से स्थापित करने की तैयारी में काफी समय से लगे हुए हैं.
दरअसल, यह पहला मौका नहीं है जब योग गुरु ने सीकर की राजनीति में हस्तक्षेप जैसा कदम उठाया हो.जब रामदेव बाबा पहली बार योग शिविर लगाने सीकर आए थे, तब आर्य समाज के साधु सुमेधानंद सरस्वती को सीधे संसद की चौखट तक पहुंचाने में उनकी अहम भूमिका रही थी.
इसी प्रकार भाजपा से अलग होकर सियासी जमीन खो चुके पं. घनश्याम तिवाड़ी की भाजपा में सफल ‘घर वापसी’ में भी योग गुरु ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अब एक बार फिर बाबा रामदेव की मेहरबानी तिवाड़ी परिवार पर दिखाई दे रही है.
राजनीतिक हलकों का कहना है कि योग गुरु ने अब छोटे तिवाड़ी को भी सियासत की बारहखड़ी सिखाने की ठान ली है.रैवासा के कार्यक्रम में हुआ जिक्र केवल संयोग नहीं, बल्कि आने वाले समय की राजनीतिक पटकथा का संकेत माना जा रहा है.
जिले की राजनीति में यह घटनाक्रम किस रंग के साथ उभरेगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं.
बाल मुकुंद जोशी