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साइबर क्राइम से कैसे बचे और कैसे रहे सावधान !डिजिटल डिफेंस' पुस्तक का प्रकाशन "How to Stay Safe from Cybercrime and Remain Alert! Publication of the Book 'Digital Defense'"


सीकर शहर के लब्ध प्रतिष्ठित कमाल परिवार के होनहार युवा डॉ. अरशद कमाल ने साइबर अपराध से कैसे बचे और कैसे सतर्क रहे विषय पर 'डिजिटल डिफेंस' शीर्षक से पुस्तक लिखी है, जिसकी इन दिनों पुलिस, प्रशासन एवं लेखक जगत में काफी चर्चा है. इसका अध्ययन करने पर पता चलता है कि यह पुस्तक डिजिटल दुनिया में साइबर सुरक्षा को लेकर व्यापक जानकारी प्रदान करती है. इसमें दैनिक जीवन पर प्रोद्योगिकी के प्रभाव की खोज की गई है, जिसमें बैकिंग खरीददारी और संचार प्रणाली शामिल है. विशेषकर इसमें साइबर क्राइम के दुष्प्रभावों के खतरों, पहचान की चोरी और डेटा उल्लंघनों से होने वाले जोखिमों पर रोशनी डाली गई है. कहने का मतलब है कि डिजिटल जमाने में इंटरनेट का सही और सुरक्षित उपयोग करना बहुत जरूरी हो गया है. इसी सोच को दृष्टिगत रखते हुए डॉ. अरशद कमाल ने सरल शब्दों में आसान तरीके से समझने वाली यह पुस्तक लिखी है. उन्होंने इस पुस्तक के माध्यम से बताया है कि कैसे हम अपने मोबाइल, कम्प्यूटर और ऑनलाईन अकाउंटस को सुरक्षित रख सकते है. इसमें हैकिंग, वायरस, पासवर्ड सुरक्षा, फायरवॉल और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के बारे में जन सामान्य को सतर्क रहने की व्यापक जानकारी दी गई है. यह महत्वपूर्ण पुस्तक डिजिटल दुनिया में साइबर सुरक्षा के बारे में एक विस्तृत और व्यापक जानकारी प्रदान करती है. कुल मिलाकर यह पुस्तक छात्रों, शिक्षकों एवं इंटरनेट उपभोक्ताओं के लिए बेहद उपयोगी एवं फायदेमंद साबित हो सकती है.

पुस्तक के मुख्य बिन्दु :

साइबर सुरक्षा का महत्वः पुस्तक साइबर सुरक्षा उपायों जैसे कि मजबूत पासवर्ड, एन्क्रिप्शन और दो कारक प्रमाणीकरण के महत्व पर जोर देती है.

साइबर खतरों की व्याख्याः पुस्तक हैकर्स, मेलवेयर और फायरवॉल जैसे मूल शब्दों को स्पष्ट करती है ताकि यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं के लिए एक आवश्यक संसाधन बन सके.

डिजिटल सुरक्षाः पुस्तक डिजिटल उपस्थिति की सुरक्षा और वैश्विक स्तर पर साइबर लचीलापन बढ़ाने के तरीकों पर रोशनी डालते हुए विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराती है.

लेखक के बारे में :
डॉ. अरशद कमाल एक अनुभवी साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ है, जो साइबर शिक्षा की दुनिया में आठ बीते वर्षों से सक्रिय है. उन्होंने राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस एण्ड इंजीनियरिंग में एम.टेक और बी.टेक की उपाधि हासिल की है और वे वर्तमान में पूनिमा यूनिवर्सिटी से साइबर सुरक्षा में पीएचडी कर रहे है. बता दे कि डॉ. अरशद कमाल ने साइबर सुरक्षा विश्लेषक, नेटवर्क सुरक्षा इंजीनियर और आईटी सुरक्षा इंजीनियर के रूप में काम किया है और उन्होंने मोबाइल नेटवर्क में हमले की रोकथाम पर उन्नत शोध और प्रभावशाली प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेन्टरों में समय-समय आयोजित होने वाली सेमीनार, कार्यशालाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर विद्यार्थियों को साइबर क्राइम से होने वाले नुकसान से सावचेत करते हुए प्रशिक्षित भी करते है.