राजधानी जयपुर के विद्याधर नगर में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के आयोजन को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। आयोजक राजन शर्मा और संयोजक अनिल संत पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी और लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत का गंभीर आरोप लगा है। विद्याधर नगर थाने में दोनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
आयोजन के नाम पर जुटाए करोड़ों रुपये
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिव महापुराण कथा के आयोजन के लिए राजन शर्मा और अनिल संत ने विभिन्न स्रोतों से करोड़ों रुपये एकत्र किए। आरोप है कि इन फंड्स में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। आयोजन में पारदर्शिता की कमी और वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें सामने आने के बाद स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
लापरवाही से गई एक जान
विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ। आयोजन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि आयोजकों ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों में लापरवाही बरती, जिसके कारण यह हादसा हुआ। मृतक के परिजनों ने आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने शुरू की जांच
विद्याधर नगर थाना पुलिस ने राजन शर्मा और अनिल संत के खिलाफ धोखाधड़ी, लापरवाही और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आयोजन से जुड़े दस्तावेज और फंड्स के लेन-देन की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। थाना प्रभारी ने बताया कि जल्द ही सभी तथ्यों को सामने लाया जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आयोजन पर उठे सवाल
पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा को लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं। चूरू और मेरठ में उनके आयोजनों के दौरान पंडाल हादसे और भगदड़ की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस बार जयपुर में हुए इस मामले ने आयोजकों की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
आयोजन के दौरान हुई मौत और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों ने स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी पैदा कर दी है। कई श्रद्धालुओं का कहना है कि धार्मिक आयोजनों के नाम पर लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश शर्मा ने कहा, "ऐसे आयोजनों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है।"
आगे क्या?
पुलिस जांच के साथ ही इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। वहीं, पंडित प्रदीप मिश्रा की टीम की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह मामला आने वाले दिनों में और गर्माने की संभावना है।