जयपुर : राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अंता (बारां) से विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता को दोषसिद्धि की तारीख से रद्द कर दिया है। यह कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(3) के तहत की गई। इसके साथ ही अंता (193) विधानसभा सीट रिक्त हो गई है।
देवनानी ने बताया कि शुक्रवार सुबह 10:30 बजे महाधिवक्ता की विधिक राय मिलते ही यह निर्णय लिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में कोई राजनीतिक दबाव नहीं है और निर्णय पूरी तरह कानून के दायरे में लिया गया। "मैं हर मामले में गहन अध्ययन और विधि सम्मत तरीके से फैसला लेता हूं। इस प्रकरण में किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए," देवनानी ने कहा।
महाधिवक्ता की राय के बाद त्वरित निर्णय
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि कंवरलाल के खिलाफ न्यायालय के फैसले के दिन ही महाधिवक्ता को विधिक राय के लिए निर्देश दिए गए थे। संविधान के अनुच्छेद 177 के तहत महाधिवक्ता को विधानसभा में राय देने का अधिकार है। दोषसिद्धि की तारीख से ही विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है, जिसके बाद विधानसभा द्वारा रिक्ति की औपचारिक सूचना जारी की जाती है।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि कंवरलाल के खिलाफ न्यायालय के फैसले के दिन ही महाधिवक्ता को विधिक राय के लिए निर्देश दिए गए थे। संविधान के अनुच्छेद 177 के तहत महाधिवक्ता को विधानसभा में राय देने का अधिकार है। दोषसिद्धि की तारीख से ही विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है, जिसके बाद विधानसभा द्वारा रिक्ति की औपचारिक सूचना जारी की जाती है।
क्या है मामला?
अंता से विधायक कंवरलाल को न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी सदस्यता पर सवाल उठे थे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत, यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो वह अपनी सदस्यता से अयोग्य हो जाता है। इस आधार पर कंवरलाल की सदस्यता रद्द की गई।
अंता से विधायक कंवरलाल को न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी सदस्यता पर सवाल उठे थे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत, यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो वह अपनी सदस्यता से अयोग्य हो जाता है। इस आधार पर कंवरलाल की सदस्यता रद्द की गई।
देवनानी का सख्त रुख
देवनानी ने कहा कि वे किसी दबाव में काम नहीं करते और सभी निर्णय निष्पक्षता व कानूनी प्रक्रिया के आधार पर लेते हैं। उन्होंने पूर्व में विधानसभा से जुड़े मामलों में लंबा समय लिए जाने का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रक्रिया सामान्य है।
देवनानी ने कहा कि वे किसी दबाव में काम नहीं करते और सभी निर्णय निष्पक्षता व कानूनी प्रक्रिया के आधार पर लेते हैं। उन्होंने पूर्व में विधानसभा से जुड़े मामलों में लंबा समय लिए जाने का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रक्रिया सामान्य है।
अब क्या?
अंता विधानसभा सीट के रिक्त होने की सूचना जल्द ही निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी। इसके बाद उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इस घटनाक्रम पर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, हालांकि देवनानी ने साफ किया कि इस मामले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
अंता विधानसभा सीट के रिक्त होने की सूचना जल्द ही निर्वाचन आयोग को भेजी जाएगी। इसके बाद उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। इस घटनाक्रम पर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, हालांकि देवनानी ने साफ किया कि इस मामले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।