बाल मुकुंद जोशी
सीकर :चुनाव मैदान में हारे हुए उम्मीदवारों और सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारियों को बिना प्रोटोकॉल के मान सम्मान देना अफसरों ने मानो अपना कर्तव्य समझ लिया है. तभी तो अलोदा थाने भवन के उद्घाटन समारोह में उपजा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ कि इससे पहले कल जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में अधिकारियों ने बीजेपी के जिलाध्यक्ष मनोज बाटड़ को डेस्क पर बुलाकर सम्मानित कर दिया.
जिलाधिकारियों के इस निर्णय का वहां मौजूद नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने आपत्ति जताते हुए इसे निर्वाचित सदस्यों का अपमान बताया बाद में मोदी ने कलेक्टर और सीईओ से जानना चाहा कि आखिर भाजपा जिला अध्यक्ष को किस हैसियत से मंच पर जगह दी गई है और उन्हें गुलदस्ता भेंट किया गया है. विधायक मोदी के विरोध का विपक्षी सदस्यों ने भी समर्थन किया और सदन की परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया. सदस्यों ने तो सीईओ राजपाल यादव के इस कृत्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग भी कर डाली. दरअसल बीजेपी के जिला अध्यक्ष बाटड़ यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के साथ जिला परिषद की बैठक में पहुंचे थे और डेस्क पर लगी कुर्सी पर बैठ गए थे.
जिला परिषद की बैठक का माहौल बिगड़ते देखकर राजपाल यादव ने कहा, ऐसा गलफत के चलते हुआ है. उन्होंने कहा मैंने सुन रखा था कि वे (बाटड़) जिला परिषद के सदस्य हैं. सदस्यों की आपत्ति के बाद जानकारी जुटाने पर मालूम हुआ कि वे नहीं बल्कि उनकी पत्नी सदस्य है.
इधर बाटड़ कहा वो मंत्री जी के साथ बैठक में आए थे और अधिकारियों के कहने पर मंच पर चले गए थे. कांग्रेस की जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला ने भी सवाल किया,आखिर जिला परिषद की साधारण सभा की में बीजेपी जिलाध्यक्ष को किस नियम के तहत मंचासीन किया गया ? इस मामले में दोषी अफसर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग भी की.