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जमवाय माता की कथा, भक्ति में लीन हुए श्रद्धालु "The story of Jamvay Mata, devotees immersed in devotion"

जयपुर में पहली बार हो रही जमवाय माता की पावन कथा के प्रथम दिवस में श्रद्धालुओं का अपार उत्साह देखने को मिला। महंत डॉ. करणी प्रताप जी ने कथा के दौरान बताया कि शक्ति के प्रथम गण गणेश हैं, तथा दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का अमोघ फल मिलता है, इसलिए प्रत्येक घर में इसका पाठ होना चाहिए।

जमवाय माता ने सदैव कछवाहा वंश की कीर्ति बढ़ाई है, इस प्रसंग पर महंत जी ने ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी प्रकाश डाला।

इस दिव्य आयोजन के साक्षी विदेशी मेहमान भी बने। लंदन से आई पामेला ने कछवाहा वंश की गौरवगाथा को जानने के साथ-साथ मातृशक्ति के लिए दो दिवसीय निःशुल्क योग शिविर आयोजित करने की घोषणा की।

कथा में रघुकुल भूषण श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।

सुप्रसिद्ध भजन गायक किन्नू बन्ना ने “बधाई अवध में राम आए हैं” भजन से ऐसा समां बांधा कि श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।

इस अवसर पर लालेश्वर महादेव महंत श्री स्वामी विमर्शानंद गिरि महाराज जी भी पधारे और उन्होंने अपने आशीर्वचनों में धर्म, साधना और मातृशक्ति के महत्व और भक्ति मार्ग पर अग्रसर रहने का संदेश दिया।

25 मार्च तक चलने वाली इस पावन कथा में भक्ति और उल्लास की अनुपम झलक देखने को मिल रही है।