शहीद के परिजनों और सरकार के बीच समझौता हो गया है.
सैनिक सुल्तान सिंह की पार्थिव देह अंतिम संस्कार के लिए रींगस से हुई रवाना
। पैतृक गांव लाखनी में हुआ अंतिम संस्कार ,
पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने की गृह राज्य मंत्री से बात, विशेष पैकेज मिलेगा परिवार को , और शहीद का दर्जा देने के लिए बनाए गयी कमेटी,
तिरंगा रैली के रूप में शहीद की पार्थिव देह पहुंची पैतृक गांव लाखनी में गमहीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
सुल्तान सिंह बाजिया के 12 वर्षीय पुत्र ने दी चिता को मुखाग्नि
खंडेला विधायक सुभाष मील ने विधायक कोटे से शहीद स्मारक बनाने की घोषणा की ।
गौरतलब है कि लाखनी के सुल्तान सिंह बाजिया का हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से
3 जनवरी को निधन हो गया था जहा से 4 जनवरी को सैन्य सम्मान देने के बाद हिमाचल प्रदेश के कुन्नुर जिले से पार्थिव देह को लाखनी गांव के लिए रवाना किया गया। जो 6 जनवरी को रींगस थाने पहुंची थी।सोमवार को ग्रामीण सुल्तान सिंह बाजिया को शहीद का दर्जा दिलाने के मांग को लेकर सोमवार सुबह 10 बजे रींगस थाना परिसर में धरना देकर बैठ गए। सहमति नहीं बनने पर धरना स्थल पर बैठे लोग आक्रोषित हो गए । उसके बाद आक्रोशित लोगों ने नैशनल हाईवे 52 को जाम कर दिया समझाइश के बाद करीब 10 मिनट बाद जाम को वापस खुलवाकर यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चालू करवाई।
7 घंटे बाद जवान के परिजनों और सरकार के बीच हुए समझौते के बाद जवान सुल्तान सिंह बाजिया के परिजन जवान का पार्थिक देह लेने को राजी हुए उसके बाद तिरंगा रेली के साथ जवान की पार्थिक देह जवान के पैतृक गांव लाखनी पहुंची उसके बाद सैन्य सम्मान के साथ जवान की पार्थिक देह की। अंत्येष्टि की गई।