जयपुर — चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा है कि देश के कुछ राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस 2001 से मौजूद है और अब तक इसके रोगियों पर इसका प्रभाव सामान्य रहा है। इस वायरस से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है, और स्थिति चिंताजनक नहीं है।
खींवसर ने कहा कि सर्दी के मौसम में, जैसे हर साल होता है, बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को सर्दी, खांसी, जुकाम या बुखार होने पर चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को इस वायरस को लेकर सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि यह वायरस घातक नहीं है। सर्दी के मौसम में खांसी और जुकाम जैसे सामान्य लक्षणों के साथ कुछ मामले सामने आते रहे हैं, और मार्च से दिसंबर 2024 तक देशभर में 9 मामले दर्ज किए गए हैं।
चिकित्सा मंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार के अनुसार एचएमपी वायरस का प्रसार वर्तमान में नगण्य है। हालांकि, एहतियात के तौर पर राज्य भर में चिकित्सा अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, और जांच, उपचार तथा अन्य आवश्यक तैयारियों की पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस वायरस की पुष्टि के लिए 5 वीआरडीएल लैब उपलब्ध हैं, जिनमें एम्स जोधपुर, सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर, और एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर शामिल हैं। किसी भी अस्पताल में इस वायरस के लक्षणों वाले गंभीर रोगियों के सामने आने पर इन लैब्स में जांच करवाई जा सकती है।