जयपुर: उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक प्रकरण में स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (एसओजी) की गहन कार्रवाई जारी है। अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एसओजी श्री विशाल बंसल ने बताया कि निरंतर अनुसंधान के क्रम में तीन प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और एक प्रशिक्षु की जगह परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी ग्राम विकास अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है।
FSL जांच में खुला डमी कैंडिडेट का खेल
डीआईजी एसओजी श्री परीस देशमुख के नेतृत्व में टीम ने आरपीएससी के रिकॉर्ड का विस्तृत विश्लेषण किया, जिसके बाद 10 प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों के रिकॉर्ड संदिग्ध पाए गए। इनमें से तीन के लिखित परीक्षा दस्तावेजों पर हस्तलेख और हस्ताक्षरों का मिलान एफएसएल से कराया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट असमानता सामने आई, जिसने यह प्रमाणित कर दिया कि तीनों ने अवैध रूप से डमी अभ्यर्थियों को बैठाकर परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
गिरफ्तार किए गए प्रशिक्षु उपनिरीक्षक कुणाल चौधरी पुत्र मादाराम (30) निवासी झंवर जिला जोधपुर (मेरिट 234, राजसमंद), चूनाराम जाट पुत्र हरिराम (30) निवासी करड़ा जिला जालौर (मेरिट 251, उदयपुर) और अशोक कुमार खिलेरी पुत्र लादूराम (30) निवासी ,करड़ा जिला जालोर (मेरिट 154, उदयपुर) है। इन तीनों को शनिवार को गिरफ्तार कर पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया है।
इसके अतिरिक्त प्रशिक्षु कुणाल चौधरी के स्थान पर लिखित परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी अशोक कुमार खींचड़ पुत्र जीवन राम (30) निवासी बज्जू जिला बीकानेर हाल ग्राम विकास अधिकारी बज्जू को भी रविवार को गिरफ्तार किया गया है।
137 गिरफ्तारियां, जांच जारी
इस प्रकरण में अब तक कुल 137 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 63 प्रशिक्षु उपनिरीक्षक और 06 चयनित उपनिरीक्षक शामिल हैं। एसओजी वर्तमान में शेष दो प्रशिक्षु उपनिरीक्षकों से पूछताछ कर रही है, ताकि उनके लिए परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थियों की पहचान हो सके।
एडीजी श्री बंसल ने प्रशिक्षणरत सभी प्रशिक्षुओं से अपील की है कि यदि उन्होंने किसी भी स्तर पर अनुचित साधनों का प्रयोग किया है, तो वे कानूनी प्रक्रिया को आसान बनाने और अपने हित में स्वयं आगे आकर एसओजी को अवगत कराते हुए समर्पण करें। एसओजी द्वारा प्रशिक्षण और चयन से संबंधित रिकॉर्ड का सत्यापन लगातार जारी रहेगा और संदिग्धता सामने आते ही अन्य संलिप्त अभियुक्तों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।
