सीकर जिले से इंसानियत और ईमानदारी की मिसाल पेश करने वाली खबर सामने आई है। एसबीआई बैंक के एक एटीएम में कैश द्वार (कैश डिस्पेंसर) पर किसी ग्राहक के छूटे हुए 10 हजार रुपये मिले। यह राशि शहर के शेखपुरा निवासी जितेंद्र सिंह हांडा को दिखी।
बिना देर किए जितेंद्र ने पूरी रकम उठाकर सीधे बैंक अधिकारियों से संपर्क किया और पैसे उनके सुपुर्द कर दिए। बैंक कर्मियों ने रकम का मिलान कर उसकी पुष्टि की और युवक के इस कदम की सराहना की।
आज जब रोजमर्रा की जिंदगी में बेईमानी और चालबाज़ी की खबरें आम हो चली हैं, ऐसे में जितेंद्र सिंह हांडा का यह छोटा-सा पर दुर्लभ कदम समाज को यह भरोसा दिलाता है कि ईमानदारी अभी भी जिंदा है।
बैंक अधिकारियों का कहना है कि वे मूल ग्राहक का पता लगाकर रकम उसे वापस सौंप देंगे। वहीं स्थानीय लोगों ने जितेंद्र की पारदर्शिता और नैतिकता की जमकर तारीफ की है।