कोटा : इटावा उपखंड के बंजारी गांव में शुक्रवार रात उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक ग्रामीण के घर में करीब 10 फीट लंबा मगरमच्छ घुस आया। घरवालों की नजर पड़ी तो अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते पूरा गांव जमा हो गया। सूचना वन विभाग और प्रशासन तक पहुंची, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी कोई नहीं आया।
गांव के लोगों ने जब राहत टीम के न आने पर खुद कदम उठाने का फैसला किया तो उन्होंने मदद के लिए वन्यजीव प्रेमी हयात खान उर्फ “टाइगर” को बुलाया। हयात खान अपने साथियों संग मौके पर पहुंचे और अंधेरे, खतरे और मगरमच्छ के विशाल आकार की परवाह किए बिना रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को सुरक्षित काबू में किया गया। उसकी आंखों पर कपड़ा बांधा गया, मुंह को टेप से सील किया गया और पंजों को रस्सी से पीछे बांधा गया। इसके बाद हयात खान ने मगरमच्छ को कंधे पर उठाकर गांव से बाहर निकाला और चंबल नदी के किनारे सुरक्षित छोड़ दिया।
गांव में मौजूद लोग इस नजारे को देखकर दंग रह गए। ग्रामीणों ने हयात खान की बहादुरी और तत्परता की जमकर सराहना की।
यह पहला मौका नहीं जब बंजारी गांव में मगरमच्छ दिखाई दिया हो। कुछ महीने पहले भी खेत में एक बड़ा मगरमच्छ मिला था, जिसका रेस्क्यू हयात खान ने ही किया था। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के स्कूल के पास तालाब में कई मगरमच्छ हैं, जिससे बच्चे रोज डर के साए में जीते हैं।
चंबल किनारे बसे इस गांव में वन्यजीवों की बढ़ती आवाजाही अब प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन चुकी है — मगर हयात खान जैसे जांबाजों के कारण फिलहाल गांववालों की सांसें कुछ थमी हैं।