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राजस्थान मदरसा बोर्ड चैयरमैन एमडी चोपदार की जान को खतरा "Rajasthan Madarsa Board Chairman MD Chopdar's life is in danger."

अब्दुल रज़ाक पंवार

 राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन एमडी चोपदार ने अपने ही बोर्ड सचिव, जो राजस्थान के प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, चेतन चौहान से खुद की जान को खतरा बताया है. उन्होंने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए बताया कि श्री चौहान अपने हाथ में हॉकी एवं चाकू साथ लेकर कार्यालय आते है और मुझे ऐसा अंदेशा है कि वे कभी भी मुझ पर जानलेवा हमला कर सकते हैं. चोपदार ने बताया कि चौहान का मानसिक संतुलन बिगड़ने वाली स्थिति से मैने आला अफसरों को अवगत करा दिया है और मेरी राज्य सरकार से भी गुजारिश है कि वह बोर्ड सचिव का किसी काबिल मनो चिकित्सक से समुचित इलाज करवाएं. उन्होंने कहा कि यह सरकार का नैतिक दायित्व है कि वह अपने मानसिक रूप से बीमार अधिकारी का तत्काल मेडिकल परीक्षण कराकर उनका उचित उपचार करवाएं. चोपदार ने बताया कि सचिव उन्हें बार - बार मदरसा बोर्ड को ताला लगाने की धमकी दे रहे है और यहां तक कि उनके कार्यालय तक को ताला लगा चुके हैं. उन्होंने मेरे निजी सचिव के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई और विभागीय व्हाट्सअप ग्रुप से मेरा नाम हटा दिया. जब मैंने अपने एक कर्मचारी से कहकर खुद को वापस ग्रुप से जुड़वाया तो सचिव ने उसे 17 सीसी का नोटिस थमा दिया. सचिव द्वारा मदरसों का पंजीयन, मदरसों का क्रमोन्नत का कार्य रोकने, नई भर्ती की फाइल बंद करने और पैराटीचर्स को नियमित करने की बजाय उनकी नौकरी खत्म करने का षड़यंत्र रचा जा रहा है, जिसकी वे मुख्य सचिव तक शिकायत कर चुके है. 

सचिव कर रहे है कानून कायदों की अवहेलना

राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन के अनुसार बोर्ड सचिव चेतन चौहान अपने पद का खुलेआम दुरूपयोग कर रहे हैं. वे अधिनस्थ कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं और मदरसा पंजीयन की प्रक्रिया को बंद कर उनके क्रमोन्नति की पत्रावलियों को भी रोक चुके है और उन्होंने सीएम मदरसा आधुनिकीकरण योजना अन्तर्गत स्वीकृत मदरसा भवनों के निर्माण की किश्त भी रोक रखी हैं, जिससे कार्य रुक गये है.

स्मार्ट क्लास रूम स्कीम पर लगाया ताला

चोपदार ने बताया कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना अंतर्गत 500 स्मार्ट क्लास बनाने के लिए 25 करोड़ रूपए मंजूर किए थे, जिनमें से 13 करोड़ 65 लाख रूपए आ भी गए, इसके बावजूद सचिव ने उक़्त योजना को बंद कर दिया है. इसी तरह सरकार ने मदरसों के 5562 शिक्षा अनुदेशकों को स्थायी करने का नोटिफिकेशन जारी किया था. साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर दी थी, जिसकी रिपोर्ट को सचिव ने ठण्डे बस्ते में डाल रखा हैं.

आज तक नहीं ली सरकारी सुविधा

एमडी चोपदार ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आशीर्वाद से 25 जनवरी, 2023 को मैने मदरसा बोर्ड चेयरमैन का पदभार सम्भाला था, तब से मैं निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा हूं. हालांकि राज्य में सत्ता परिवर्तन होने पर मुझे 28 फरवरी 2024 को पदच्युत कर दिया था लेकिन माननीय उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से 24 अप्रेल 2024 को मैने पुनः कार्यभार सम्भाल लिया। उन्होंने बताया जब से मैं चेयरमैन बना हूं तब से मैने कोई सरकारी सुविधा नहीं ली हैं. गाड़ी, सहायक, ड्राइवर आदि भी खुद का रखता हूं और मकान किराया भी नहीं लेता हूं. पूरी तरह से जनता की सेवा कर रहा हूं, इसके बावजूद सरकार ने बोर्ड सचिव पद पर अधिकारी ऐसा लगाया है जो मुझे और कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा हैं.

प्रतिबंध के बावजूद तबादले, न नए मदरसों का पंजीयन और न क्रमोन्नति


चोपदार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा तबादलों पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया हुआ है जबकि बोर्ड सचिव मोटी रकम लेकर मदरसा कर्मियों का तबादला कर रहे हैं. उन्होंने सचिव पर धार्मिक वैमनष्यता फैलाने का आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने बोर्ड कार्यालय के प्रार्थना कक्ष से मुस्लिम कर्मचारियों की टोपी मुसल्ले फेंक दिए है और बोर्ड मुख्यालय आने वाले मौलानाओं व उस्तादों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं.