राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शब्द हमारी सबसे बड़ी संपदा हैं, इन्हें सोच-समझकर ही खर्च करना चाहिए। उन्होंने बाबूजी जवाहरलाल दर्डा से स्वतंत्रता संग्राम और निष्पक्ष पत्रकारिता से जुड़े कई संस्मरण भी साझा किए और बताया कि किस प्रकार उन्होंने पत्रकारिता में कभी राजनीति को हावी नहीं होने दिया। बागड़े ने कहा कि बाबूजी ने हमेशा निष्पक्ष पत्रकारिता की और अखबार को जनता के लिए चलाया। इस अवसर पर लोकमत के प्रिंटर कृपाल सिंह शेखावत का भी स्मरण किया गया। कार्यक्रम में पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
लोकमत मीडिया एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन डॉ विजय दर्डा ने कहा कि पत्रकारिता कभी खतरे में नहीं हो सकती, बशर्ते सच बोलने और उसकी कीमत चुकाने की ताकत हो। उन्होंने बाबूजी से जुड़े संघर्ष और उस दौर के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कई बार सरकारों द्वारा विज्ञापन रोके जाने के बावजूद लोकमत ने कभी कलम का सौदा नहीं किया।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि अखबारों को राष्ट्रहित में सही और जिम्मेदार खबरें प्रकाशित करनी चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि प्रगति कर रहे भारत को कमजोर करने के लिए विदेशी ताकतें हमेशा साजिश रचती हैं।
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में हुए संशोधन का उल्लेख करते हुए पत्रकारिता में आई गिरावट पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भौतिकवाद और मूल्यों में गिरावट के कारण पत्रकारिता अपने उद्देश्यों से भटक रही है।
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विश्व मोहन भट्ट, मशहूर गला गायक अहमद और मोहम्मद हुसैन, महापौर कुसुम यादव, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार हीरेन जोशी, मीडिया समन्वयक आनंद शर्मा, पंचकोलिया गांव के सरपंच सहित विभिन्न तबकों से जुड़े वरिष्ठ लोग शामिल हुए। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार विजय विद्रोही ने भी संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को सिर्फ सरकारी आंकड़ों के भरोसे नहीं रहना चाहिए और स्वतंत्र सोच के साथ काम करना चाहिए। साथ ही उन्होंने पत्रकारिता में आई गिरावट और नेताओं की सहनशक्ति पर भी टिप्पणी की। कार्यक्रम में पूर्व विधायक रामलाल शर्मा और आर ए एस पंकज ओझा, आनंदी लाल वैष्णव, समाजसेवी सूरज सोनी मूर्तिकार महावीर भारती दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति के कोषाध्यक्ष गजेंद्र ज्ञानपुरिया उद्योगपति प्रमोद डेरेवाला समेत अनेक प्रबुध्दजन और पत्रकार उपस्थित रहें।
इनको मिला सम्मान
इस बार जीवन गौरव सम्मान वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण चंद छाबड़ा को प्रदान किया गया। उन्होंने भी लाला लाजपत राय से मिली सीख का जिक्र करते हुए कहा कि जो भी सम्मान मिला पढ़ने से मिला। इसलिए खूब पढ़ो।
जीवन गौरव पुरस्कार : प्रवीण चंद छाबड़ा, वरिष्ठ पत्रकार, जयपुर
विजेताओं की सूची
वर्ष 2016-2017: बाल मुकुंद ओझा, स्वतंत्र पत्रकार, जयपुर
वर्ष 2017-2018 हरिओम शर्मा, स्वतंत्र पत्रकार जयपुर,
वर्ष 2018-2019: मनीष गोधा, महानगर टाइम्स, जयपुर
वर्ष 2019-2020: विमल भाटिया, टाइम्स आफ इंडिया, जैसलमेर
वर्ष 2020-2021: सुरेश व्यास, राजस्थान पत्रिका, जोधपुर
वर्ष 2021-2022: देव कुमार सिंगोदिया, राजस्थान पत्रिका, जयपुर
वर्ष 2022-2023 ललित तिवारी, राजस्थान पत्रिका, जयपुर
वर्ष 2023-2024 संयुक्त रूप से अवधेश सिंह आकोदिया, दैनिक भास्कर, जयपुर।
मेघा जैन, राजस्थान पत्रिका, झालावाड़।
वर्ष 2016-2017 से लेकर 2023-2024 तक के लिए इस वर्ष प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थी। वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा, आनंद चौधरी और पिंकसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह राठौड़ की तीन सदस्यीय जूरी ने परीक्षण बाद विजेताओ के नामों को अंतिम रूप दिया। प्रत्येक विजेता को 11 हजार रुपए की सम्मान राशि, सम्मान पत्र और ट्रॉफी प्रदान की गई।