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चित्तौड़गढ़ में यौनाचार की घटनाओं का बढ़ता संकट: कारण और समाधान की आवश्यकता - भुवनेश व्यास Reason and need for solution



राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जैसे छोटे शहर का पुलिस रिकार्ड देखें तो यहां बलात्कार जैसी वारदातें बेहद न्यूनतम है जिसका हमें संतोष होना चाहिए लेकिन सार्वजनिक, सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों में बढ़ती यौनाचार की घटनाएं सभ्य समाज के इसी संतोष को चिंता में बदल रहा है कि क्या कारण है जो लगातार ऐसी घटनाएं हो रही है?


चित्तौड़गढ़ शहर में बीते एक दो वर्ष पर नजर डालें तो लगभग लगभग ऐसी घटनाओं में राजनीतिक क्षेत्रों में सक्रिय लोग, बड़े व्यावसायिक घरानों के कर्ता धर्ताओं के साथ राजकीय अधिकारी, कार्मिक नामजद हुए हैं। यह तो वे लोग है जो पकड़े गये है। लेकिन मै स्थानीय निवासी होने के साथ यहां अपनी सक्रिय पत्रकारिता के माध्यमों के आधार पर दावा कर सकता हूं कि प्रतिमाह ऐसी घटनाएं यहां के लोगों के सामने आती रहती है जिन्हें आरोपी बड़ी धनराशि देकर दफन करता रहता है जिसे हनी ट्रेप का नाम दिया जाता है।


हाल ही में गत वर्ष के अंत में ऐसा ही मामला नगर परिषद के पूर्व सभापति का सामने आया जिसमें पहले तो दोनों ही पात्र अपने नग्न वीडियो ऑडियो को छेड़छाड़ का फर्जी बताते रहे लेकिन सौदा नहीं होने पर अब एक दूसरे पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। इससे पूर्व एक पुलिसकर्मी और महिला पार्षद की ऐसी ही वीडियो क्लिप सार्वजनिक हुई तो पात्र महिला ने खुद के मोबाइल से दूसरों द्वारा प्रचारित करना बता दिया। एक मार्बल व्यवसायी जो पांच वर्ष पूर्व तक राजनीतिक क्षेत्र में भी रहे थे के विरूद्ध भी प्रकरण दर्ज हुआ और बाद में पात्र महिला ने रिपोर्ट वापस ले ली, खबर थी कि लाखों में सौदा हो गया। एक वकील पुत्री की भी वीडियो क्लिप सार्वजनिक हुई तो उसके लिए भी अन्य को दोषी बता रिपोर्ट दी गई। एक और मार्बन व्यवसायी के पुत्र का भी ऐसा ही कारनामा सामने आया तो एक वकील ही पॉक्सो में आरोपी बन गया जो आश्चर्यजनक रूप से कानून के विपरीत उच्च न्यायालय आदेश पर हुए पीडिता के दोबारा बयान के बाद पाक साफ हो गया। बीते वर्षों में ऐसे अनगिनत मामले मैने स्वयं रिपोर्ट किये है। हाल ही एक महिला शिक्षक और शिक्षक के चर्चित मामले ने सभ्य समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।


बीते वर्षों में सामने आई ऐसी सभी घटनाओं के अध्ययन में दो बातें समान रूप से पाई गई है। एक दो मामलों को छोड़ दें तो लगभग सभी मामलों मेूं राजनीतिक रसुखात से और आर्थिक सक्षमता से जुड़े पुरूष लिप्त पाए गये है जिन्हें अपनी करतूते सामने आने पर भी कोई डर इसलिए नहीं है कि हम साजिश कहकर खुद को पाक साफ साबित कर लेंगे और ज्यादा हुआ तो कानून के सामने धन का पहाड़ रख देंगे। 

राजनीतिक रसुखात की बात यूं ही नहीं है। इस शहर ने हाल के मामलों में देखा है कि कैसे जाति अथवा राजनीति के आधार पर आरोपियों को क्लीन चिट देने के प्रयास किये जाते है। अपने कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए नेता सीधे मैदान में आ जाते है तो धन पतियों के पक्ष में अंदरखाने समझौते करवा दिये जाते है जिन्हें बाद में हनी ट्रेप का नाम दे दिया जाता है। ऐसा नहीं कि इन घटनाओं के लिए केवल पुरूष ही बल्कि महिलाएं भी उतनी ही जिम्मेदार है क्योंकि यह महिलाएं भी ना केवल संभ्रांत परिवारों की है बल्कि ऐसा कोई कारण सामने नहीं आता है कि इनकी कोई मजबूरी रही होगी, तो कई मामलों में महिलाओं के थोथे स्वार्थ इसके कारण देखे गये है। 


मेरा अपना आंकलन है कि पुरूषों की तरह अब महिलाओं में जहां बढ़ती यौन स्वच्छंदता इसके लिए जिम्मेदार कही जा सकती है तो पुरूषों का पद और पैसा कहीं ना कहीं कारण है। महिलाओं में यौन स्वच्छंदता का बड़ा कारण सोशल मीडिया के साथ छोटे पर्दे को भी माना जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं कही जा सकती है। 

प्रायः लगभग सभी छोटे पर्दे पर महिला प्रधान डेली सोप में जिस तरह से पात्र विवाहित महिलाओं के विवाहेत्तर संबंधों का प्रमुख रूप से लगातार दर्शाया जाता है उससे महिलाओं में भी खुद को वैसा ही पात्र समझने की उत्कंठा यौन स्वच्छंदता के रास्ते पर ले जा रही है। वहीं अत्याधुनिक जीवन शैली भी महिलाओं के चरित्र पतन का बड़ा कारण बनती जा रही है जिसमें एकल परिवार में रहने की आदत की भी बड़ी भूमिका है। हाल की विद्यालय की घटना से जिस तरह इस शक्ति भक्ति की नगरी का नाम देश विदेश में धुमिल हुआ है उससे सभ्य समाज सबक लेकर अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को समझें तो सरकार भी कुछ ऐसा प्रबंध करें कि सार्वजनिक स्थानो, कार्य स्थलों और सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य कर रहे लोक सेवक सरकार, कार्य थल और स्वयं के पद की गरिमा को क्षति ना पहुंचाए।