जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मंगलवार (31 दिसंबर) को एबीपी न्यूज़ से एक एक्सक्लूसिव बातचीत में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री "सीन से गायब" हैं, जबकि चार लाख से ज्यादा छात्र पिछले 15 दिनों से शांतिपूर्वक धरने पर बैठे हुए हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा, "शुरुआत के आठ-नौ दिनों में कोई भी राजनीतिक दल इस आंदोलन से नहीं जुड़ा। लेकिन जब छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और बर्बरता से उनकी पिटाई की, तब हम जैसे लोग सामने आए। हम इस बात के साथ खड़े हुए कि बिहार में लोकतंत्र को इस तरह दमन नहीं किया जा सकता।"
उन्होंने बिहार सरकार की लाठीचार्ज नीति पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, "बिहार लोकतंत्र की जननी रहा है, और किसी भी सभ्य समाज में यह स्वीकार्य नहीं हो सकता कि बच्चों की बात सुने बगैर उन्हें सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर मारा जाए।"
प्रशांत किशोर ने छात्रों के शांतिपूर्ण आंदोलन की पक्षधरता करते हुए, बिहार सरकार के रवैये पर सवाल उठाए और इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया।