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सीकर सम्भाग खत्म करने का साइड इफेक्ट ! Side effect of ending Sikar division



सीमा विस्तार के चक्कर में अटका मास्टर प्लान-2041


अब्दुल रजाक पंवार


सीकर। स्थानीय निकाय एवं नगरीय विकास राज्य मंत्री झाबरसिंह खर्रा की विधानसभा के भीतर और बाहर कई बार की गई घोषणा के बावजूद सीकर शहर का साल 2041 तक के लिए बना मास्टर प्लान साल 2024 बीत जाने के बाद भी लागू नहीं हो सका हैं। सूत्रों की माने तो अब यह 2025 में भी लागू नहीं हो सकेगा, क्योंकि प्रस्तावित मास्टर प्लान वर्तमान नगर परिषद सीमा क्षेत्र को दृष्टिगत रखते हुए तैयार किया गया है जबकि सरकार की मंशा शहर का दायरा और बढ़ाने का है तथा इस दिशा में सीकर तहसील के कार्मिक एवं नगर परिषद के तकनीकी अधिकारी काम भी कर रहे हैं। 


नतीजतन जो मास्टर प्लान का प्रारूप छः माह की कड़ी मशक्कत से तैयार किया जाकर जांच के लिए वरिष्ठ नगर नियोजक जयपुर जोन जयपुर को भेजा गया था, उसमें फिर रद्दोबदल होना लगभग तय है। ऐसे में जो लोग, विशेषकर कॉलोइ नाइजर नए मास्टर प्लान का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, उन्हें अब और कई महीनों तक सब्र करना होगा। इससे उनमें दुगुनी निराशा की भावना घर कर गई है, क्योंकि सीकर सम्भाग खत्म करने से जहां जमीनों के भाव सीकर में औंधे मुंह पड़े है, वहीं मास्टर प्लान-2041 का इस तरह से अटक जाना भू-कारोबारियों के लिए कोढ में खाज निकलने वाला साबित हुआ हैं।


राज बदल गया, साल बदल गया


आधिकारिक स्तर पर मिली जानकारी अनुसार सीकर शहर का मौजूदा मास्टर प्लान 2011-2031 के लिए बना था लेकिन कांग्रेस राज में इसे समय से पहले 2041 तक बनाने का निर्णय हुआ। सम्बंधित एजेंसी ने करीब छः माह तक माथापच्ची कर


प्रारूप तैयार कर लिया, लेकिन उसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। इसी के चलते प्रदेश में राज बदल गया और इस पर फिर से काम चालू हुआ तो मामला नगर परिषद की सीमा विस्तार के नाम पर पुनः खटाई में पड़ गया हैं। सरकार ने इसपर भी सफाई दी कि प्रस्तावित प्रारूप को लेकर भारी जन शिकायत मिलने के कारण जांच करनी पड़ रही हैं और जब तक इसका निस्तारण नहीं हो जाता तब तक प्रारूप को अंतिम रूप देना तो दूर उनपर आपत्तियां आमंत्रित कर उनकी सुनवाई भी नहीं कर सकते हैं।


रियल एस्टेट को लगा गहरा धक्काः शिक्षा नगरी सीकर को जब सम्भाग का स्वरूप मिला तो सीकर कई जिलों के जंक्शन के रूप में विकसित होने लगा। खासकर रियल एस्टेट के सेक्टर में यहां अन्य जिलों के निवेशक भी अपनी जमा पूंजी लगाने लगे लेकिन पहले सीकर सम्भाग का दर्जा खत्म होने और अब मास्टर प्लान के अटकने से रियल एस्टेट सेक्टर उठने से पहले ही धड़ाम से गिर गया हैं।


विधानसभा में बोले थे यूडीएच मंत्री...


राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा 31 जुलाई, 2024 को विधानसभा में सीकर शहर के मास्टर प्लान-2041 का मुद्दा उठाया था जिसके जवाब में यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने उन्हें विश्वास दिलाया था कि यह इसी साल लागू कर दिया जायेगा, लेकिन पूरा साल गुजर गया और मास्टर प्लान का प्रारूप कई बार सीकर जयपुर होकर वापस अब जयपुर में वरिष्ठ नगर नियोजक जोन जयपुर के कार्यालय में धूल चाट रहा हैं